हमारा इश्क़ था ही इतना सच्चा,की स्कूटर पर लगता ही था अच्छा, जब मिलने उनसे जाता था, तो स्कूटर पर ही सपनो का घर बनता था…
View More फिर आशिक़ी में चालान हो जाता है…दिल से निकली हुई आवाज़
हमारा इश्क़ था ही इतना सच्चा,की स्कूटर पर लगता ही था अच्छा, जब मिलने उनसे जाता था, तो स्कूटर पर ही सपनो का घर बनता था…
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