कभी तू तो कभी तकदीर रुलाती है तुझे खोकर भी तेरी याद सताती है। // बेवफा शायरी संग्रह // अनकही शायरी // merisayari

  बेवफा शायरी


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कभी तू तो कभी तकदीर रुलाती है
तुझे खोकर भी तेरी याद सताती है।
तूने तो ठुकरा दी जन्नत मेरे दिल की
तेरी चाहत हर पल मुझे सताती है।।
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आज डरते हो तुम बदनामी से
कभी डेरा था हमारी गलियों में।
आज ओढ़ ली चादर शराफत की
कभी खाक छानते थे हमारी गलियों में।।
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तुमसे दूर रहना मेरी मजबूरी है
तुमसे हाल-ए-दिल बताया नहीं जाता।
बस इतना समझ लो ए सजनी
इस जहां में प्यार कभी निभाया नहीं जाता।।
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जिससे प्यार हो उसे धोखा दिया नहीं जाता
झूठ से दामन वफा का थामा नहीं जाता।
अंजाम होता है बेदर्द जुदाई
सच्चाई से प्यार पाया नहीं जाता।।
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कैसे दिन देखने पड़ते हैं जुदाई के बाद
अश्क छुपाने पड़ते हैं बेवफाई के बाद।
वह दिन भी आता है एक रोज
जज्बात छुपाने पड़ते हैं सगाई के बाद।।
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काश तुमसे मुलाकात ना होती
मेरी चाहत रुसवा ना होती।
ना होती तुम पराई
अगर मुझसे चाहत की खता ना होती।।
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दिल की धड़कन तेज होती है आपसे मुलाकातों के बाद
आंखें नम हो जाती हैं हर बात याद आ जाने के बाद। 
कितने खुशगवार थे वो दिन और रात
कैसे हालात आ जाते हैं बिछड़ जाने के बाद
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वो शमां खुशगवार जो थी तेरे नाम
वो जिंदगी खुशगवार थी जो थी तेरे नाम।
रुसवा हुई चाहत मेरी बदनाम जिंदगी
जैसे भी हालात हैं वो हैं तेरे नाम।।
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प्यार में जीने का अंदाज़ जुदा होता है
प्यार में जो नाम मिले वह नाम जुदा होता है।
पैगाम-ए-वफा हो या हो बेवफाई का
प्यार में मिलने वाला हर पैगाम जुदा होता है।। 
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शम्मा चाहत की बुझाई ना जाएगी
प्यार की आग अश्कों सेे बुझाई न जाएगी।
मैं तो जल रहा हूं तेरे प्यार में ए संगदिल
तुझसे मेरी मैयत भी दफनाई ना जाएगी।। 
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ना मिलने की चाहत थी ना बिछड़ने का गम
अब तो हर खुशी पराई लगती है।
तुम देती हो पैगाम ए वफ़ा…. 

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