तेरी चाहत का मौसम याद आया है // शायरी संग्रह // मेरी शायरी

शायरी ऐसी कुछ पंक्तियां होती हैं जिनमें लेखक अपने शब्दों के माध्यम से दिल की बात को आसान भाषा में दूसरों के समक्ष प्रस्तुत करता है।
अधिकतर शायरी प्रेमी-प्रेमिका के लिए होती हैं। ऐसी एक शायरी नीचे दी गई है जिसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका को शायरी के माध्यम से साथ बिताए गए पल याद दिलाता है।
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तेरी चाहत का वह मौसम याद आया है 
तेरा मुस्कुरा कर के वो नजरें झुकाना याद आया है !! 
 
जो सावन की काली घटा छाई रहती थी
उन जुल्फों का चेहरे से हटना याद आया है !! 
 
तुझे छेड़ने की खातिर अक्सर गुनगुनाता था
वह नगमा आशिकाना फिर याद आया है !! 
 
मेरी सांसे उलझी थी तेरे कदमों की तेजी में
तेरा मुड़-मुड़ कर आना और जाना याद आया !! 
 
तेरा लड़ना-झगड़ना और मुझसे रूठ कर जाना
वह तेरा रूठ कर खुद मान जाना याद आया है !! 
 
ना रास्ते हैं ना मंजिल है मिजाज भी है आवारा
तेरे दिल में मेरे दिल का ठिकाना याद आया है !!
 
जिसके हर लफ्जों में लिपटी हुई थी मेरी कई रातें
तेरा वह आखरी खत हथेली पर जलाया है !! 
 
लेखक
“अज्ञात”
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