समझा दो अपनी यादों को दिन-रात तंग करती हैं कर्जदार की तरह // मेरी शायरी

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  कितना खूबसूरत सा इत्तेफाक था रात अमावस की थी और चांद मेरे पास था !!   ❤️💓💞💝💞💓❤️   तुम राय हो.. जो बदल भी सकती है कभी, मैं कैसे बदलू हूं मैं तो इरादा हूं   ❤️💓💞💝💞💓❤️   अजीब हाल में पहुंच गई है जिंदगी अब ना कोई अजनबी रहा…ना कोई अपना   ❤️💓💞💝💞💓❤️ … Read more